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दुश्मन को हलाक करने का वजीफा – Dushman Ko Halak Karne Ka Wazifa
दुश्मन को हलाक करने का वजीफा – Dushman Ko Halak Karne Ka Wazifa, दुश्मन चाहे जैसा भी हो, छोटा या बड़ा, उसकी खोट नीयत नुकसानदायक ही होती है। दुश्मन से घर से दूर हो सकते हैं या फिर पास-पड़ोस में रहते हों को कुछ जानलेवा वार तक होते हैं।
जबकि कुछ ईष्र्या की भावना रखते हैं और किसी की तरक्की देखना पसंद नहीं करते हैं। उनसे बचने के लिए समय रहते उपाय करना जरूरी है। कई बार दुश्मन का उत्पात इस कदर बढ़ जाता है कि उन्हें हलाक करना जरूरी हो जाता है।
बगैर किसी खून-खराबे के इस्लाम में दुश्मन को खत्म करने के लिए कुरानी वजीफे के उपाय बताए गए हैं। इसके अल्फाजों में जालिम से जालिम दुश्मन को हलाक करने की जबरदस्त ताकती होती है। इसे अमल में लोने के लिए कुछ जरूरी बातें और हिदायतें इस प्रकार हैं-
- इनका अमल काफी सोच-विचार कर किया जाना चाहिए है। जैसे किसी इंसान के खिलाफ इसके वजीफे का इस्तेमाल तबतक नहीं करें जब तक कि उसकी दुश्मनी का कोई सबूत हाथ न लग जाए।
- यह वजीफा करने से पहले अल्लाहताला से इजाजत और इस्तेखारा जरूर करें।
- इसे मुस्लिम की 14 तरीख के बाद किसी भी नाहुस दिन, जैसे शनिचर या मंगलवार को ही करें।
- इसे 3, 7, 11, 21 या 41 दिनों तक रोजाना निश्चित समय पर किया जाता है तथा शुरूआत से पहले कब्रिस्तान से मिट्टी और मरी हुई मछली लाकर रख लें।
- पूरी तैयारी के बाद मौलवी के मशवीरे के अनुसार वक्त जैसे भी शुरू हो अमल की शुरूआत करें। अमूमन वह वक्त रात के 10 बजे के बाद का होता है।
- मुंह में काली मिर्च या लाल मिर्च रखकर 117 बार सिर्फ सुरहे पढ़ें। इस वक्त बिस्मिल्लाह और दुरूह नहीं पढ़ना है। फिर मिट्टी और मछली पर दम करें। यह करते वक्त दुश्मन की कोई तस्वीर सामने रखें।
- उसके बाद दुश्मन को हलाक करने या बर्वाद करने की वजीफे को मौलवी द्वारा बताई गई संख्या और दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई करने के अनुसार रोजाना पढ़ें। दुश्मन के ताकतवर होने की स्थिति में इसे 11 दिनों के अंदर 10,000 बार पढ़ा जाता है।
- दम करने के बाद दुश्मन का तस्सबुर रखंे कि वह हलाक हो रहा है। बर्वाद हो रहा है। इसी के साथ कुछ पल तक तस्वीर में उसके चेहरे पर लाल रंग की रोशनी डालें या लाल स्याही पोत दें।
- अंत में तस्वीर के साथ कब्रिस्तान से लाई हुई मिट्टी और मरी मछली को उसी कब्रिस्तान में जाकर दफन कर दें।
- उसके बाद दुश्मन को ध्यान में रखते हुए वजीेफे को बताए गए दिनों में रोजाना पढ़ें। जैसे-जैसे मछली और मिट्टी सूखने लगेगा, वैसे-वैसे दुश्मन हलाक होने लगेगा।
- इस अमल को चाहे तो औरतें भी कर सकती हैं, लेकिन उन्हें माहवारी के दौरान ऐसा करने की मनाही है।
जैसा दुश्मन, वैसा वजीफा का वजीफा
कुरानी वजीफे से दुश्मन पर कई तरह से हमले किए जाते हैं। कई दिनों तक कई बार एक निश्तिच समय पर रोजाना वजीफा पढ़ा जाता है। दुश्मनों के स्वरूप के अनुसार उसके इस्तेमाल के तरीके में थोड़ा अंतर होता है।
जैसे दुश्मन को जलील करना, दुश्मन को बर्वाद करना या कहें उसे तबाह कर देना, दुश्मन से खुद की हिफाजत करना, दुश्मन को बीमार बना देना, या फिर उसे मरने तक की दुआ करना है। उनपर वार किए जाने वाले वजीफे इस प्रकार हैं-
दुश्मन को बर्वाद करना का वजीफा
अपने विरोधियों को जीवन से बाहर निकालने के लिए दुश्मन को बर्वाद यानी कि बेचैन करने के लिए पढ़ा जाने वाला एक असरदार वजीफा है-
- वजीफा- अल्लाह उमा मंजिल किताबी मुजरियास शबी सारी अल हिसाबी हजिमल अजाबी इहज्मि-मुर्मुर।
- इसे ऊपर बताए गए तरीके के अनुसार सात दिनों तक रोजाना पढ़ा जाना चाहिए। यह बहुत ही बेशकीमती वजीफा है, जिसके अमल से दुश्मन के कामकाज के जीवन को बर्वाद किया जा सकता है।
- इसे रोजाना सात दिनों तक रात में 111 बार पूरी शिद्दत के साथ पढ़ा जाना चाहिए।
दुश्मन का हमेशा के लिए खात्मा का वजीफा
कई बार दुश्मन बार-बार जहरीले नाग की तरह फन उठा लेता है। उसके डंसने से पहले उसे खत्म करना ही बेहतर होता है। वैसे दुश्मन के खात्मे का अर्थ उसकी हत्या से नहीं, बल्कि हमेशा के लिए अपनी जिंदगी से निकाल बाहर करना है।
वह दुश्मन को बर्वाद करने के वजीफे से ही संभव हो पाता है और वह दोबारा हमला करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है। ऐसे दुश्मन के खात्मे के लिए कुल 41 दिनों तक वजीफा पढ़ जाना चाहिए। हर दिन 111 बार वजीफा पढ़ें। पहले दिन कब्रिस्तान की मिट्टी और मरी मछली का प्रयोग करने के बाद बाकी दिन सिर्फ वजीफे को रोजाना एक ही समय में पढ़ें और दुश्मन को ध्यान कर वहीं सो जाएं।
दुश्मन को जलील करना का वजीफा
कुछ दुश्मन ऐसे होते हैं जो लोगों की निगाह में अच्छे बने रहकर दुश्मनी की हरकतें करते हैं। वैसे दुश्मन की हरकतों को वजीफे की मदद से पर्दाफास कर लोगों के सामने लाया जाता है। उन्हें इस कदर जलिल किया जात है कि वे दोबारा दुश्मनी करने की सोच भी नहीं पाते हैं।
- इसके लिए सबसे पहले अल्लाह की अदालत में दुश्मन के कारण होने वाली परेशानी की जोहार याचिका पेश की जाती है।
- उसके के बाद मन-मस्तिष्क में दुश्मन की छवि बिठाकर मौलवी साहब द्वारा बताए गए वजीफे को 313 बार पढ़ा जाता है।
- इस अमल को मंगल वार या शनिवार से शुरू कर सिर्फ तीन दिनों तक किया जाता है। इसके बाद दुश्मन खुद व खुद लोगों की नजर में आ जाता है। ऐसा नहीं होने पर 11 दिनों तक वजीफा पढ़ा जाना चाहिए।
ऽ इसके जरिए दुश्मन को चलने-फिरने से भी लाचार और बीमार किया जा सकता है।
दुश्मन से हिफाजत का वजीफा
एक वजीफा ऐसा भी है, जिसे 11 दिनों तक रोजाना 321 बार पढ़कर दुश्मनों से अपनी हिफाजत की जाती है। इससे दुश्मन के हमले को सहन करने की क्षमता आती है और जीवन में स्थिरता बनी रहती है। दुश्मन चाहकर भी तरक्की में बाधक नहीं बन पाता है। इसे मंगलवार या शनिवार से शुरू किया जा सकता है।
दुश्मन की तबाही का वजीफा
दुश्मन चाहे जैसा भी उसे ’ हा या हुक्कु बिखकी तुनकाफील, या का हिरू जुल बत्शी ला यूतुकु इंतेकाम या महिरु या क्यूहिरु’ वजीफे की अमल से तबाह-बर्वाद किया जा सकता है। इसके लिए रोजाना 41 दिनों के दरम्यान कुल 3127 बार वजीफा पढ़ा जाना चाहिए।
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