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नामर्दी दूर करने का वजीफा – Namardi Door Karne Ka Wazifa
नामर्दी दूर करने का वजीफा – Namardi Door Karne Ka Wazifa, पुरुष की नामर्दी को उसकी मर्दाना कमजोरी भी कहा जाता है। इसका सबसे बड़ा नुकसान उसे संतानहीनता का उठाना पड़ता है और इसकी वजह से उसकी बीवी को बांझ होने या बच्चा पैदा करने के नकाबिल के ताने सुनने पड़ते हैं। अपने शौहर की नमार्दी की वजह से वह सौतन का दंश झेलने को मजबूर रहती है।
अधिकतर मर्द अपनी इस कमजोरी को छिपाकर रखते हैं, या फिर नीमहकीम से उपचार करवाकर पैसे बर्वाद करते हैं। जबकि वैसे पुरुष को को डाक्टरी उपचार के साथ-साथ कुरानी वजीफे का भी प्रयोग करना चाहिए।
कारण नमर्दी ऐसी समस्या है, जिसमें बीवी के साथ सहवास के दरम्यान मानसिक एकाग्रता और आत्मविश्वास का होना जरूरी होता है। उसके स्पर्म की संख्या में इजाफा होता है। अर्थात जिस्मानी कमजोरी दूर करने के वास्ते दवा के साथ-साथ अल्लाहताला से दुआ भी करना चाहिए।
इसे आजमाने से पहले अपनी जिस्मानी कमजोरी का आकलना करना जरूरी होता है। जैसे- जिस्मानी मेहनत के मामूली काम से ही थकान हो जाना, नींद ज्यादा आना, हिम्मत में कमी आना, हमेशा काहिल बने रहना, शरीर में दर्द की शिकायत का आना, जिस्मानी ताकत खत्म हो जाना इत्यादि।
इनमें किसी भी तरह की शिकायत होने पर पुरुष नामर्दी का शिकार हो जाता है। वैसे मर्द को चाहिए कि अल्लाहताला से दुआ करते हुए रूहानी उपचार को अपनाए।
- अगर कोई शख्स बीमारी की वजह से मर्दाना कमजोरी का शिकार हो गया है, तो उसे नमाज के बाद इस्म मुबारक ‘या कादिरू’ का रोजाना 100 मर्तबा पढ़ना चाहिए।
- इंशा अल्लाह इस इस्म मुबारक की बरकत से उसकी सारी कमजोरी दूर हो जाएगी और उसके बदन में सेहत और कुब्बत पैदा हो जाएगी।
- इस अमल को रात को सोने से पहले 100 से अधिक मर्तबा भी पढा जा सकता है। इससे पहले और अंत में दारूद शरीफ सात बार पढ़ें। फिर पानी पर दम करें और उसे पी लें।
- दम करने के लिए खाने की वस्तुओं में केला, वादाम, दूध या अंडा आदि का भी इस्तेमाल किया जाता है। मौलवियों द्वारा इनका प्रयोग दिन में दुआ पढ़ने के बाद करना चाहिए।
- अल्लाह के तीन नामों अलमलिक, अल हुदा और अस्सलाम को सुबह-शाम जब कभी फुर्सत मिले तब कम से कम 11 बार जरूर ले लिया करें।
- इसका असर चंद दिनों में दिख जाएगा और जिस्मानी ताकत महसूस करने लगेंगे और बीवी के साथ सुखद सहवास भी कर पाएंगे।
नामर्दी का रूहानी वजीफा
नामर्दी की शिकायत वाले मर्द को सबसे पहले अपनी बीवी के साथ तनाव रहित सुखद जीवन गुजारने की कोशिश करनी चाहिए। गुस्से में आकर ताने या आकर तलाक देने की बात दिमाग में कतई नहीं आने देनी चाहिए। उसके बाद अल्लाह के नामों के साथ कुरानी वजीफा निम्न तरीके के साथ पढ़ना चाहिए।
- वजीफा पढ़ने से पहले पाक-साफ हो लें और घर के किसी खाली कमरे में सफेद चादर बिछाकर बैठ जाएं।
- वजीफे को शुक्रवार के दिन से शुरू करते हुए रोजाना 21 दिनों तक रात को सोने से पहले करना है। इस दौरान बीवी के साथ हमबिस्तर नहीं होना है। संभव हो तो वजीफा पढ़ने की जगह जमीन पर ही सो जाएं।
- इस उपाय को गुप्त रखते हुए करना है। चाहे कितना भा राजदार क्यों न हो किसी को इस बारे में नहीं बताना है और अपना ध्यान वजीफा पढ़ने के कारण पर देना है।
- इस दौरान अल्लाह का ध्यान रखना है और अगले रोज मौलवी के पास जाकर उनसे दुआएं लेनी है। उनके द्वारा बताए गए वजीफे को 111 बार पढ़ना है। उसके बाद किसी खाने की वस्तु पर दम करने के बाद सुबह में नाश्ते में खा लेना है।
अंडे से किया जाने वाला नामर्दी दूर करने का वजीफा
नामर्दी दूर करने के लिए बताए गए सिर्फ मर्दाना कमजोरी दूर करने का वजीफा अंडे के साथ किया जाना चाहिए। इसे करते ही सारी जिस्मानी कमजोरी दूर हो जाएगी और बीवी से कभी भी हमबिस्तरी करने में कोताही नहीं करेंगे।
बेहतर यौनसंबंध बनाने में कामयाबी मिलेगी। इस वजीफे को शौहर या बीवी दोनों कर सकते हैं। उसका सिलसिलेवार तरीका इस प्रकार होना चाहिए है-
- वजीफा पढ़ने से पहले दो अंडे को अच्छी तरह से धोकर उबाल लें।
- घर के एकांत जगह या किसी खाली कमरे में साफ चादर बिछाकर अंडे के साथ बैठ जांए। साथ में बीवी को भी बैठाएं। एक अंडे को छील लें और सुराह अल-धारियात की आयत 47 पढ़े और तीन बार दम करें और खुद खा लें। उसके बाद दिए गए वजीफे की आयत को 111 बार पढ़ें। आयत है- वासमा आ बनायानाहा बी अयदिन वा इन्ना लामूसीउना।
- डसके बाद दूसरे अंडे का छिलका निकाल लें और सुरहा अल-धारियात की आयत 48 को 111 बार पढ़ें। अंडे पर तीन बार दम करें और सामने बैठी बीवी को खिला दें। इस दौरान पढ़ा जाने वाला आयत है- वाल अर्दा फरिशना फनिमल माहिदून।
- इस अमल को रोजना तब तक करें जबतक कि आपको बीवी के साथ हमबिस्तरी में फर्क नहीं महसूस हो।
मर्दाना बंझपन का रूहानी इलाज
यह बहुत जरूरी है कि मर्द अपनी नमर्दी का इलाज करवाए, लेकिन इसके साथ ही मिंया-बीवी के रिश्ते में आपसी तालमेल और बेपनाह मोहब्बत का भी होना जरूरी है।
बीवी को भी जब अपने शौहर की मर्दाना कमजोरी का एहसास हो तो इसे वह छिपाए नहीं, बल्कि इस बारे में खुलकर बोले और मर्दाना बंाझपन के इलाज के लिए प्रेरित करे। रूहानी इलाज के वजीफे की जानकारी करें और सिलसिलेवार तरीके इस प्रकार करें।
- इसे किसी भी दिन से शुरू किया जा सकता है, लेकिर 27 दिनों तक हर रोज एक निश्चित समय पर इस दुआ को बगैर चूके करते जाना है।
- दुआ शुरू करने से पहले वजू बना लें। साथ में दो उबले अंडे या दो केले रख लें। फिर दुरूद-ए-शरीफ को तीन बार पढ़ें।
- उसके बाद ऊपर दिए गए मर्दाना कमजोरी को खत्म करने की दुआ को पढ़कर तीन बार अंडे या केले पर फूंक मारें।
- उसके बाद मर्दाना कमजोरी दूर करने वाले दूसरी आयत को पढ़ें और दूसरे अंडे या केले पर तीन बार फूंक मारें।
- फिर तीन बार दुरूद-ए-शरीफ को पढ़ें।
- इसके अलावा शहद और खजूर को एक ग्लास दूध मंे मिला लें और फिर 111 बार या शाफी पढ़ें और दूध के ग्लास पर फूंक मारें।
- अंत में दम करने के बाद रोजाना अंडा या केला और दूध का सेवन करें। इंशा अल्लाह की दुआ कुछ दिनों में ही कुबूल हो जाएगी।
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