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मोहब्बत में बेचैन करने का वजीफा
Mohabbat Mein Bechain Karne Ka Wazifa
मोहब्बत में बेचैन करने का वजीफा – Mohabbat Mein Bechain Karne Ka Wazifa, यह एक अकाट्य सच है कि दुनिया मोहब्बत से ही चलती है। आज के जमाने मे मोहब्बत के बिना कुछ भी नहीं है।
इसका पुख्ता प्रमाण इंसानी मोहब्बत में मिलता है। हर व्यक्ति विपरीत लिंग के किसी न किसी व्यक्ति से मोहब्बत जरूर करता है। इसमें वह जरा भी खलाल बर्दाश्त नहीं कर सकता है।
अगर ऐसा किसी वजह से हो भी जाए, तो वह उसे तत्काल दूर करने की कोशिश करता है। दो मोहब्बत करने वाले इसमें किसी भी तरह के नफा-नुकसान की परवाह नहीं करते।
वे तो बस इसकी रौ में बहते चले जाते हैं। अगर मोहब्बत की एकमात्र भावना मानवहित को दर्शाती है, तो इसे बड़ी हिफाजत के साथ संभालना पड़ता है।
यदि आप किसी से मोहब्बत करते हैं, लेकिन वह शख्स आपकी भावना को नजरंदाज कर देता है, या फिर उसके मोहब्बत में पहले जैसी बात नहीं दिखती है। तो फिर ऐसी स्थिति में उसके दिल में अपने मोहब्बत की अलख जगाने के लिए आपको अल्लाह से दुआ करनी चाहिए। कुरआनी अमल या वजीफा या दुआ करना चाहित ताकि वह आपसे भी उतनी ही बेपनाही के साथ मोहब्बत करे, जिस हद तक आप करती रही हैं।
बेइंतहा मोब्बत का वजीफा
अधिकतर प्रेमिका के दिल में थोड़ी कसक बनी रहती कि उसकी तरह उसका प्रेमी भी दिलोजान से चाहता है या नहीं। वह उस कसक को हमेशा के लिए खत्म कर प्रेमी को अपनी मोहब्बत में बेचैन कर सकती हैं।
उसे नीचे दिए गए वजीफे को नेक नीयत के साथ पढ़ना चाहिए। इससे पहले वजीफे के अल्फाज को कंठस्थ कर लें। वजीफा हैः-
वल्लाहु गालिबुन अला अमरिही कद श-ग-फहा हुब्बा
हुब्बान अला हुबुल खैर ला शदीद
इस वजीफे को प्रेमी या प्रेमिका दोनों दस दिनों तक पढ़ सकते है। उन्हें रोजाना 1000 बार पढ़ना होगा। प्रेमिका के लिए एक हिदायत दी गई कि वह इसे अपनी माहवारी के समय नहीं पढ़े। इस संदर्भ में सिलसिलेवार तरीके इसे निम्न तरीके से इस्तेमाल चाहिए।
- इसकी शुरूआत मंगलवार या शनिवार को छोड़कर किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए शुक्रवार का दिन बहुत ही बेहतर माना गया है।
- हालांकि इस वजीफा को किसी भी नमाज के बाद किया जाना चाहिए। अगर हो सके तो इसे ईशा की नमाज के बाद करे।.
- घर में किसी एकांत कमरे के कोने में रात के दस बजे के बाद एक साफ चादर बिछाएं। वजीफा करने के लिए वुजू कर लें।
- वजीफा को पढ़ने से पहले और बाद में 11 बार दुरूद-इ-इब्रहिम पढ़ना है.। अगर यह नहीं मालूम हो तो छोटा सा दुरूद शरीफ भी पढ़ सकते हैं।.
- उसके बाद कुरान-ए-पाक की पहली सूरत “सौराह फातिहा” (अल्हम्द शरीफ) को 101 बार पढ़ें।
- इसे पढ़ने के बाद जिसे भी अपनी मोहब्बत में बेचैन करना चाहते हैं, उसका तीन बार नाम लेते हुए अल्ला ताला से मोहब्बत की दुआ करें कि वह आपके प्रेमी या प्रेमिका को आपकी मोहब्बत में बचैन कर दे।
- इस तरह से सौराह फातिहा पढ़ने के बाद कुरान-ए-पाक की तीसरी सूरत सौराह इखलास को भी 101 बार पढ़ें।
- उसके बाद ऊपर दिए गए वजीफे को 1000 बार पढ़़ें। इस प्रक्रिया को लगातार दस दिनों तक करें। एक सप्ताह बीतते-बीतते प्रेमी या प्रेमिका के दिल में मोहब्बत की अगन लगेगी।
- यह वजीफा सिर्फ जाइज मकसद के लिए किया जाना चाहिए, न कि अपने इकतरफा प्यार को पाने के स्वार्थ यानी गैर मकसद से किसी की मोहब्बत को ताड़ने के लिए करंे।
मोहब्बत में कर दें दीवाना
किसी को अपनी मोहब्बत में दीवाना बना देना आसान नहीं होता। मोहब्बत को एक जबरदस्त तिलस्म से कम नहीं समझना चाहिए। प्यार की जगह दूसरे के दिल में बनानी होती है, जबकि यहां सभी एक जैसा दिल नहीं होता। कोई नरम दिल का होता है,
जबकि कोई कठोर। यह समस्या मियंा-बीवी और प्रेमी युगलों के दम्यान बहुत आती है। अगर किसी का शौहर के प्यार में कमी रहती है, या किसी का प्रेमी दिल से मोहब्बत नहीं करता है। उनके लिए बताए गए वजीफा का इस्तेमाल नेक नियत के साथ करना चाहिए।
वह वजीफा है- अल्लाहुम्मा जाॅनी मेहबूब इन फि मिलते बइहाकी या बुदूहू या बुदूहू।
इसे चालीस दिनों तक रोजाना 1000 बार पढ़ना है। यह नहीं भूलें कि आपको किसी के दिल में मोहब्बत की लो जलानी है या किसी टिमटिमाती लौ की रोशनी बढ़ानी है। तरीका इस प्रकार होना चाहिएः-
- इस वजीफे की अमल को ईशा की नमाज के बाद करना चाहिए। इसमें करीब डेढ़ घंटे का समय लग सकता है, इसलिए कोई एकांत जगह चुनें। समय भी रात का हो तो ज्यादा अच्छा है। दिन कोई भी हो सकता है। वजु बना लें और शुरूआत दुरूद शरीफ के 11 बार पढ़ने से करें।
- उसके बाद 11 बार रेजा जाहेल पढ़ें। अब बारी आएगी उपर दिए गए वजीफ को पढ़ने की। इसके पढ़ने की शुरूआत करने से पहले जिसे मोहब्बत में दीवाना बनाना चाहते हैं उसका ख्याल करते हुए तीन बार नाम लें। इसे बगैर किसी रूकावट और अल्फाज में लड़खड़ाहट के 1000 बार पढ़ें।
- आखिर में दुरूद शरीफ फिर से 11 बार पढ़ें।
- अंत में दोनों हाथ फैलाकर अल्लाताला से मोहब्बत की भीख मांगें। रूआंसी आवाज में अपने शौहर का नाम लें और उसके दिल में मुकम्मल जगह पाने की दुआ करें।
शौहर के दिल में मोहब्बत
अक्सर शौहर अपनी बीवी से कुछ समय बाद बरूखी से पेश आने लगता है। उसकी झुकाव किसी दूसरी औरत के प्रति हो जाता है।
नाजायज रिश्ते तक बन जाते हैं और बीवी के तलाक तक की नौबत आ जती है। इस समस्या से परेशान बीवी को चाहिए कि वह रूहानी अमल करे और नियम से वजीफा पढ़े।
- सबसे पहले पांच वक्त का नमाज पढ़ें। उसके बाद शौहर के दिल में मोहब्बत पैदा करने का खास वजीफा पढ़ें, जो ऊपर दिया गया है।
- वजू बनाने के बाद तीन मर्तबा दुरूद शरीफ पढ़ें।
- उसके बाद सुराह अल-बुरखा की इस आयत को पढ़़ें। युहिब बुना हम खुब बाल लाही जिना अमानु अशाद्दु हुब्बाल लाही। इसे 100 बार पढ़ने के बाद वजीफा को 100 बार पढ़ें।
- आखिर में तीन मर्तबा दुरूद शरीफ अवश्य पढ़ें।
- अंत में अल्लाह से दुआ करें कि वह आपके साथ शौहर के रिश्ते में सुधार ला दे। आपदोनों में बेइंतहा मोहब्ब पैदा कर दे। इंशा अल्लाह आपकी दुआ जरूर कुबूल होगी।
- इसे एक सप्ताह तक करें और हो सके तो दिनभर में एक बार कुरान शरीफ की तिलावत जरूर कर लें।
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