सास को काबू में लाने का वजीफा
सास को काबू में लाने का वजीफा
Saas Ko Kabu Me Lane Ka Wazifa
सास को काबू में लाने का वजीफा – Saas Ko Kabu Me Lane Ka Wazifa, अधिकतर घरों में देखा गया है कि एक नवविवाहिता के लिए सास किसी आतंक से कम नहीं होती हैं। उनका हुक्म मानते-मानते वह परेशान हो जाती है।
मुसीबत तो तब बढ़ जाती है जब सास की जुबान बंद ही नहीं हो पाती और उसकी हर वक्त मुंह से निकलने वाली बदजुबानी से बहू का घर में जीना मुहाल हो जाता है। इसक असर उसके शौहर पर भी पड़ता है। इस समस्या से सामान्य औरत परेशान रहती है।
और तो और हद तो तब हो जाती है, जब सास का जुल्म बर्दाश्त से बाहर हो जात हैं। जबकि बहू हमेशा कोशिश करती है कि सास उसे अपनी बेटी की तरह चाहने लगे और उनसे कोई बैर न रखे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है।
जिस किसी औरत के साथ ऐसी समस्या है, तो उन्हें यह बात गांठ बांध लेनी चाहिए कि उसकी सासा जालिम है, वह हमेशा ही जालिम ही रहेगी, वह कभी नहीं बदलेगी।
परंतु हां वह इस्लामिक वजीफे की मदद से सास की जुबान बंद कर अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकती है। इस बजीफे में इतनी ताकत है कि इसके पढ़ने के बाद सास कबू में आ जाती है और उसका बुर बर्ताव बंद हो जाता है।
कारगर बजीफा
सास के बुरे दिल को पलटने वाला वजीफा इतना कारगर है कि इसके पढ़ते ही सास का प्यार उमड़ आएगा। वह हमदर्द की तरह पेश आने लगेगी।
इस वजीफ को इस्तेमाल करने के लिए किसी मौलवी से सलाह-मश्विरा अवश्य कर लें। उनके बताए अनुसार वजीफे की आयतों को पढ़ने का सिलसिलेवार तरीका अपनाएं। वे इस प्रकार है-
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- इस वजीफे को इंशा की नमाज के बाद करें। इसके लिए सबसे पहले तीन मर्तबा दुरूद शरीफ पढ़ें।
- उसके बाद इस वजीफे को सात बार पढ़ें। वजीफा है- वा तम्मात कालीमतु रब्बीका सिदक्वनव वा अदला, ला मुबाद्दिला ली कालीमंतिह, वा हुवास समीउल अलीम।
- इसके अखिर मंे एक मर्तबा दुरूद शरीफ को फिर से पढ़ें। इसके साथ ही खाने की रोटी पर दम करें।
- उस रोटी को सास की थाली में परोस दें। रोटी खाने के बाद ही उसकी जुबान में बदलाव देखने को मिलगा। वह रोटी की तारीफ करेगी।
- इस अमल को तबतक करते रहें जबतक कि सास पूरी तरह से बदल नहीं जाए।
- ध्यान रहे वजीफे की शुरूआत माहवारी के दिनों से नहीं करें।
- इसके अतिरिक्त दूसर वजीफा है- वा अल्लाह हु अला मु बीअ दाईकुलम वा कफा बिल्ट लाही वााल्या वां कफा लाही ना सीरा।
सूरह लहाब की दुआ
सास द्वारा जुल्म ढाने के कई तरीके और ताने होते हैं। वह कभी दहेज में मिली कम रकम और सामानों को लेकर हर वक्त ताना मारती रहती हैं, तो कभी उसके मायके बालों को लेकर बदजुबानी करती है। वह अगर मायका जाना चाहे तो उसे जाने से रोकती है।
उसके शौहर से कहकर दहेज की रकम पूरा करवाने का दबाव बनाती है। उसके द्वारा पकाए गए खाने में मीन-मेख निकालती है। खाना पकाने के तरीके से लेकर उसके पहनाव और सजने-धजने को लेकर भी उंगली उठाती रहती है।
इनसे परेशान औरत को चाहिए कि वह सास को काबू में करने की दुआ-सुराह लहाब पढे। वह है- अस-सलाम अलाइकुम। इसका असर तभी दिखागे जब इसे सलीके से सिलसिलेबा तरीके से पढा जाएगा और अल्लाताला से सास की जुबान को काबू में करने की मांगी जाएगी।
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- इसका अमल तभी असर दिखाता है जब कोई औरत इसे तरीेके से करेंगी। इसके लिए किसी भी दिन की आधी रात का समय निर्धारित किया जाता है। परंतु हां, सख्त हिदायत दी गई है कि माहवारी के दिन इसकी शुरूआत नहीं की जानी चाहिए।
- कुराअनी आयात और वजीफा या दुआ-ए-इस्तीकहरा, अमल या अमलियात को दुरूस्त मखरीत के साथ अरबी क्वानीन के मुताबिक पढ़ा जाए। साथ ही इसे अल्ला ताला पर मुकम्मल यादें और भरोसे के साथ सही वकत पर किया जाए।
- वैसे इसे करने के सही तरीके की जानकारी के लिए मौलवी से संपर्क कर लें।
- छोटी से दुआ को 11 दिनांे तक लगातार पढें। हर दिन 1000 बार पढें।
- इसके पढने से पहले और अंत में सात मर्तबा दुरूद शरीफ अवश्य पढें।
- पूरी अमल होने के बाद उस रोज पकाई गई खाने की किसी वस्तु पर दम करें। हर दिन भोजन को बदल दें। जैसे किसी दिन रोटी पर दम करें, तो किसी दिन सब्जी या फिर किसी दिन सेवइयों पर दम करें। गोश्त पर भी दम किया जा सकता है। दम किए गए खान सास को प्रेम पूर्वक खिलाएं।
असरदार वजीफा
यहां दिया गया वजीफा दूर रहकर हुक्म चलाने वाली सास को काबू में करने लिए है। या फिर वैसी सास जो शौहर को उसकी बीवी के खिलाफ कान भरती रहती है और जुल्म ढाने के लिए भड़काती रहती है।
ऐसी परेशान औरत को चाहिए कि वह 2000 बार रोजाना वजीफा पढकर पानी का दम करे यानी उसपर फूंक मारे। उस पानी को खुद पीए। इसे चाली दिनों तक पढना है। इंसाअल्ला एसा करने से उस औरता का घर में रूआब कायम हो जाएगा।
सभी ससुराल वाले उसके व्यवहार और आचरण की तारीफ करेंगे। इसकी भनक जैसे ही सास तक पहुंचेगी, वैसे ही उसपर इस वजीफे का असर होना शुरू हो जाएगा। वजीफे के आयत के बारे में किसी जानकार मौलवी से संपर्क करना चाहिए।
सास के साथ शौहर को काबू में रखना
क्ुरआन की आयतों में एक आयत को नियमित और अच्छी नियत के साथ पढने पर न केवल सास, बल्कि शौहर भी काबू में आ जाता है। इसे पढ़ने का तरीका सही होना चाहिए।
यदि शौहर किसी औरत की तकलीफों पर ध्यान नहीं दे और अपनी अम्मी के कहे अनुसार बीवी को बार-बार तलाक देने की धमकियां दे तो ऐसी औरत को रात के 11 बजे के बाद तब वजीफा पढ़े, घर के सभी सदस्य सो जाएं। इससे पहले वजीफे की आयत के बारे में मौलवी से पूरी मालुमात जरूर कर लें।
इसी शुरूाअत से पहले इंशा की नमाज पढ़ें। उसके बाद दुरूद शरीफ को 11 बार पढ लें। और फिर वजीफे को 3125 बार पढें। अंत में दुरूद शरीफ फिर से 11 बार पढने के बाद पानी को दम करें। उस पानी की कुछ घूंटें पी लें और बचे पानी संभाल कर रख दें।
सुबह उस पानी को पीने को घर के कोने-कोने में छिड़क दें। इसका असर सास और शौहर पर अवश्य होगा। यह अमल सात दिनों तक रोजाना करनी चाहिए।