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काला जादू के तोड़ की दुआ
काला जादू के तोड़ की दुआ, काला जादू अज्ञात शक्ति द्वारा जनबूझकर किया गया एक टोटका होता है, जिससे नकरात्मक शक्तियां दिल-दिमाग को अपने कब्जे में कर लेती हैं।
पीड़ित व्यक्ति शारीरिक तौर पर भी कमजोर हो जाता है। इस समस्या को सामान्य तौर पर किया कराया हूआ कहा जाता है। परंतु हां इसके प्रभाव अलग-अलग तरह के हो सकते हैं। इसका प्रयोग खाने की वस्तु के साथ किया जाता है,
जिसके खाते ही व्यक्ति की हालत बिगड़ने लगती है। कई बार उसका असर तेजी से होता है, जबकि कुछ मामलों में धीरे-धीरे व्यक्ति पर पूरी तरह से हावी हो जाता है। इसका मकसद हर तरह से नुकासन पहुंचाना होता है।
इससे छुटकारा पाने के लिए मुस्लिम समाज में हजारों सालों से कुराआन की आयतों के जरिए रोहिनी इलाज किया जाता रहा है। इस अमल को करने के लिए किसी योग्य मौलवी की जरूरत होती है।
यानी कि काला जादू के तोड़ के लिए निम्न आयत को नियम के साथ मौलवी द्वारा बताए तरीके सं 101 मरतबा पढ़ना होता है। यह अमल लगातार कम से कम एक सप्ताह या फिर 21 दिनों तक करना जरूरी होता है। आयत की एक लाइन है-
बिरिूमल्लाह रहमान रहिम, इसके साथ एक दुसरी लाइन जोड़कर अल्लाताला से दुआ की जाती है- जो अमुक को पान लागे, तो बेहूम की दुहाई। इसमंे अमुक की जगह पर काला जादू करने वाले संदिग्ध व्यक्ति का नाम लिया जाना चाहिए।
काला जादू का तोड
सामान्य तौर पर मौलवी द्वारा काला जादू के प्रभाव और इसमें इस्तेमाल की गई चीजों के बारे में मालूमात करते हैं। जैसे कुछ बाल, खास तरह के उपहार या कपड़े। उन्हें फौरन जला दिया जाता है। किंतु इसका पता नहीं चलने की स्थिति में कुरआन पढ़ना है।
इसके लिए काले जादू से पीड़ित व्यक्ति को सामने बिठाकर नीचे दिया गया आयत पढ़ा जाता है। इसे अमल में लाने के समय दम करने के वास्ते एक लोटे में पानी भी रखा जाता है।
अल्लाहुम्मा रब्बन्नास, अज्हिबिल्बास वश्फि अन्तश्शाफी,
ला शिफाआ इल्ला शिफाउक्, शिफाअन् ला युगादिरो सकमा
इसके अर्थ को पढ़ते हैं और अल्लाह से दुआ मांगते हैं। नमाज पढ़ने के बाद इस आयत को 21 मरताबा नेक नियत के साथ पढ़ा जाता है। इसके पहले और अंत में दुरूदे शरीफ पढ़ना होता है। उसके बाद दोनों हाथ फैलाकर इसका अर्थ बोला जाता है-
ऐ अल्लाह, लोगों के रब! संकट को दूर कर दे, और स्वास्थ्य प्रदान कर, तू ही स्वास्थ्य प्रदान करने वाला है, तेरे प्रदान किये हुये रोग निवारण के अलावा कोई और स्वास्थ्य नहीं है, ऐसी स्वास्थ्य प्रदान कर जो किसी बीमारी को न छोड़े।
यह पढ़ने के बाद तीन बार दुहराते हुए दम करने की दुआ पढ़ें। वह दुआ हैः-
बिस्मिल्लाहि अर्कीक, मिन कुल्ले शैइन यूजीक,
व मिन शर्रे कुल्ले नफ्सिन् औ ऐनिन्हासिदिन् अल्लाहु यश्फीक, बिस्मिल्लाहि अर्कीक।
इसी तरह इसी तरह ‘कुल हुवल्लाहु अहद्’ और मुऔवजतैन (सूरतुल फलक और सूरतुन्नास) को भी तीन बार दोहरायें।
इन सभी आयतों को पानी के सामने पढ़कर उसपर फूंक मारी जाती है। अंत मंे पानी की कुछ घूंटें पीड़ित व्यक्ति को पिला दिया जाता है और बाकी बचे पानी को उसके तीन बार नहाने के पानी में मिला दिया जाता है। अल्लाह के हुक्म से उसका काले जादू से अवश्य निवारण हो जायेगा।
काले जादू का बीवी पर असर
काले जादू के असर से अगर बीवी पीड़ित हो जाए, तो वह सहवास में साथ नहीं देती है। यौन संबंध बनाने से कतराती है या सीधे-सीधे विरोध तक जता देती है। यह स्थिति उस शौहर के लिए काफी मुश्किल भरी होती है, जिन्हें संतान की चाहत पूरी नहीं हो पाती।
एक तरह से दुश्मन द्वार इस तरह का जादू मिंया-बीवी के बीच झगड़ बढ़ाने, रिश्ता तोड़ने और उन्हें बेऔलद रखने के मकसद से किया जाता है। इस जादू के असर से धीरे-धीरे बीवी बंाझ तक बन जाती है।
इस काले जादू को बेअसर करने के लिए बेरी के सात हरे पत्ते के साथ एक टोटका किया जाना चाहिए। उसे कूटकर पानी में मिलाने के बाद पहले बताई गई आयतें, सूरतें और दुआएं पढ़ी जाती है। उसके बाद कुछ पानी को खुद पीने अलावा बीवी को भी पिला दिया जाता है।
बाकी बचे पानी से स्नान किया जाता है। इसका असर फौरन होता है। पानी पीने और बचे पानी से स्नान करने के कुछ समय बाद ही बीवी रूमानियत से पेश आती है और सहवास को राजी हो जाती है।
इसी तरह से खवातीन द्वारा उपचार शौहर पर किए गए काले जादू को तोड़ने के लिए भी किया जाता है। वह माहवारी के दिनों के अतिरिक्त किसी भी दिन बेरी के हरे सात पत्ते और पानी के साथ इस अमल को कर सकती है। इस अमल से दूसरी औरत के चक्कर में भटके शौहर को भी उसके साथ सहवास में अभिरूचि जगाने और रास्ते पर लाने के लिए किया जा सकता है।
सूरतुल फतीहा, सुरतुल बकरा और सुरतुल आराफ की आयतों को पढ़ा जाता है। इनका बहुत ही चमत्कारी असर होता है और शौहर दूसरी औरत द्वारा किए गए काले जादू से बेअसर हो जाता है।
शक्तिशाली वजीफा से काला जादू का तोड़
जो कोई काला जादू की चपेट में बुरी तरह से आ जाए उसे ठीक करने के लिए शक्तिशाली वजीफे का अमल करना चाहिए। इसके लिए किसी भी दिन आधी रात को एक ग्लास पानी के साथ अमल किया जाता है। वह सिलसिलेवार इस तरह का हैः-
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- वजु करने के बाद दुरूद शरीफ का 11 बार पढ़ें।
- उसके बाद ‘या मुमीत ओ’ को सात हजार मरतबा पढ़ें। इसे इस एक दिन में दो घंटे के दौरना ही पूरा करना है।
- साथ रखे पानी भरे ग्लास मंे दम करें और जिसपर काला जादू किया गया हो उसे पिला दें। यदि जादू का असर आपके ऊपर किया गया हो तो उसे खुद पी लें। इसी तरह से यदि काले जादू का असर पूरे परिवार पर है, तो परिवार के सभी सदस्य को दम किया हुआ पानी पीना चाहिए। इस पानी की पहली घूंट पीने के बाद मिनरल वाटर मंे मिला दें। उसके बाद सात दिनों तक दिन और रात में इसे पीएं।
- इस अमल का अचूक असर काफी शक्तिशाली होता है। इससे न केवल काला जादू का असर हमेशा के लिए खत्म हो जाता है, बल्कि इससे काला जादू करने वाले व्यक्ति पर भी हमला किया जा सकता है।